Monday, April 26, 2010

क्रेडिट इंफोर्मेशन रिपोर्ट: हमारी इज्जत का कच्चा चिट्ठा

प्रश्न: क्रेडिट इंफोर्मेशन रिपोर्ट क्या है?
उत्तर: किसी व्यक्ति द्वारा विभिन्न बैंकों व वित्तीय संस्थानों से प्राप्त किए हुए ऋणों को वापस चुकाने का (ट्रैक रिकॉर्ड) संक्षिप्त विवरण उस व्यक्ति की क्रेडिट इंफोर्मेशन रिपोर्ट कहलाता है। यह उन बैंकों व वित्तीय संस्थानों, जिनसे कि उस व्यक्ति ने पूर्व में या वर्तमान में ऋण प्राप्त कर रखा हो, से प्राप्त सूचना के आधार पर तैयार किया जाता है।
प्रश्न: क्रेडिट इंफोर्मेशन रिपोर्ट का उद्देश्य क्या है?
उत्तर: बैंकों द्वारा न वसूल हो सकने वाले ऋण अथवा ऐसे ऋण जिनकी वसूली तय समय व शर्तों के प्रतिकूल काफी विलम्ब व मुश्किल से हो पाती है को नॉन परफोर्मेशन ऍसेट (एन पी ए) कहते हैं। वर्तमान में बढ़ती हुई एन पी ए बैंकों के अस्तित्व के लिए एक बड़ा खतरा है। इस खतरे को कम करने के लिए किए गए कई उपायों में से क्रेडिट इंफोर्मेशन रिपोर्ट एक महत्वपूर्ण उपाय है। क्रेडिट इंफोर्मेशन रिपोर्ट के आधार पर बैंक ऋण के प्रार्थी की साख का अनुमान लगा लेते हैं तथा प्रार्थी को ऋण देने व न देने का अथवा किन शर्तों पर देने का आदि के बारे में एक उचित निर्णय ले सकती है। इस तरह से बैंक अपनी एन पी ए पर नियंत्रण रख सकती है।
प्रश्न: क्रेडिट इंफोर्मेशन रिपोर्ट कौन बना सकता है?
उत्तर: कम्पनी अधिनियम, 1956 के अंतर्गत पंजीकृत कम्पनी रिजर्व बैंक ऑफ इन्डिया से पंज़ीकृत होकर क्रेडिट इंफोर्मेशन रिपोर्ट बनाने का काम आरम्भ कर सकती है।
प्रश्न: क्रेडिट इंफोर्मेशन रिपोर्ट बनाने के लिए सूचनाएं कहां से प्राप्त होती है?
उत्तर: प्रत्येक बैंक व वित्तीय संस्थान जो ऋण प्रदान करने का व्यवसाय करती है को कम से कम एक क्रेडिट इंफोर्मेशन कम्पनी का सदस्य होना अनिवार्य है। क्रेडिट इंफोर्मेशन कम्पनी अपने सदस्यों से समय समय पर उनके ऋण ग्राहकों द्वारा प्राप्त ऋणों के सम्बन्ध में सूचनाएं प्रेषित करने के निर्देश देती है। इस प्रकार प्रत्येक व्यक्ति द्वारा प्राप्त ऋण के सम्बन्ध में सूचना बैंकों के माध्यम से क्रेडिट इंफोर्मेशन कम्पनियों को मिलती रहती है।
प्रश्न: क्या वर्तमान में भारत में कोई क्रेडिट इंफोर्मेशन कम्पनी है?
उत्तर: सी आई बी आई एल Credit Information Bureau (India) Limited इस समय भारत में यह काम कर रही है।
प्रश्न: क्रेडिट इंफोर्मेशन रिपोर्ट कोन प्राप्त कर सकता है?
उत्तर: बीमा कम्पनियाँ, टेलीफोन कम्पनियाँ, शेयर ब्रोकर, कोमोडिटी एक्सचेञ्ज के सदस्य, आदि विशिष्ट श्रेणी के सदस्य व संस्थाएं ही क्रेडिट इंफोर्मेशन रिपोर्ट प्राप्त कर सकती है।
प्रश्न: क्रेडिट इंफोर्मेशन रिपोर्ट में क्या सूचनाएं दी जाती है?
उत्तर: ऋण ग्राहक का सामान्य परिचय :
i. नाम
ii. पता व्यक्ति होने की दशा में :
iii. पहचान संख्या
iv. पासपोर्ट विवरण
v. मतदाता पहचान पत्र विवरण
vi. जन्म दिनाँक
vii. संस्था होने की दशा में :
viii. डी यू एन एस नम्बर
ix. पंजीयन संख्या
x. वैधानिक स्थिति : कम्पनी, साझेदारी फर्म, सोसाइटी आदि
ऋण का पूरा विवरण
पुन: भुगतान का विवरण
बकाया राशि
विभिन्न ऋण दाताओं द्वारा उस पर की गई कार्यवाही का विवरण
कोर्ट केसों का विवरण।

प्रश्न: क्या क्रेडिट इंफोर्मेशन रिपोर्ट में ऋण द्नेने या न देने के सम्बन्ध में राय प्रकट की जाती है?
उत्तर: क्रेडिट इंफोर्मेशन रिपोर्ट में सम्बन्धित व्यक्ति की साख के तथ्य मात्र प्रकट किए जाते हैं। ऋण दिए जाने या न दिए जाने के सम्बन्ध में कोई भी राय क्रेडिट इंफोर्मेशन रिपोर्ट में प्रकट नही होती है। ऋण दिया जाना या न दिया जाना उस बैंक या संस्था का स्वयं का निर्णय होता है जिससे ऋण / साख प्रदान करने का आवेदन किया गया है।
प्रश्न: यदि किसी क्रेडिट इंफोर्मेशन रिपोर्ट के आधार पर एक बैंक या संस्था ऋण देने से मना कर दे तो क्या अन्य बैंक भी ऋण या साख प्रदान नही करेंगे?
उत्तर: नही, प्रत्येक बैंक ऋण प्रदान करने में अपनी नीतियों का पालन करता है हर बैंक की ऋण देने की नीति अलग होती है अत: यदि किसी क्रेडिट इंफोर्मेशन रिपोर्ट के आधार पर एक बैंक ऋण देने से मना कर देता है तो आवश्यक नही है कि अन्य बैंक भी ऐसा ही करेंगे।
प्रश्न: क्रेडिट इंफोर्मेशन रिपोर्ट का क्या उपयोग है?
उत्तर: क्रेडिट इंफोर्मेशन रिपोर्ट का निम्न उपयोग है – अ. व्यक्ति अपनी स्वयं की साख सूचनाएं प्राप्त कर सकता है। ब. ऋण या साख दिए जाने का उचित निर्णय लिया जा सकता है। स. बार बार ऋण चुकाने में गलती करने वालों का पता चल जाता है। द. प्रतिकूल ग्राहकों से बचा जा सकता है तथा अच्छी साख वाले ग्राहकों का चयन किया जा सकता है।
प्रश्न: क्रेडिट इंफोर्मेशन रिपोर्ट तैयार करने की विधि क्या है?
उत्तर: किसी व्यक्ति की विभिन्न बैंकों के पास उपलब्ध साख सूचनाएं क्रेडिट इंफोर्मेशन रिपोर्ट तैयार करने वाली कम्पनी के पास पहुँचा दी जाती है। ये कम्पनियाँ पूर्व निर्धारित मानकों के आधार पर व्यक्ति विशेष से सम्बद्ध सभी सूचनाओं का विश्लेषण कर अंक प्रदान करती है। इस प्रकार किसी व्यक्ति को प्राप्त अंकों को उसकी क्रेडिट रेटिंग / स्कोरिंग कहते हैं। जिसका विभिन्न बैंकों, बीमा कम्पनियों, टेलीफोन कम्पनी आदि द्वारा अपनी अपनी नीतियों के आधार पर अर्थांवयन कर सम्बन्धित व्यक्ति को साख प्रदान करने या न करने का निर्णय लिया जाता है।
प्रश्न: किसी क्रेडिट इंफोर्मेशन रिपोर्ट का मूल्यांकन किस प्रकार किया जाता है?
उत्तर: क्रेडिट इंफोर्मेशन रिपोर्ट के मूल्यांकन का कोई मानक तरीका नही है। यह पूर्णत: रिपोर्ट के उपयोगकर्ता के विवेक पर निर्भर करता है। एक ही क्रेडिट रिपोर्ट के आधार पर विभिन्न बैंक, बीमा कम्पनी, शेयर दलाल अलग अलग निर्णय ले सकते हैं।
प्रश्न: किस क्रेडिट इंफोर्मेशन रिपोर्ट को डिफाल्टर की श्रेणी में रख दिया जाता है?
उत्तर: क्रेडिट इंफोर्मेशन रिपोर्ट तैयार करने वाली कम्पनी किसी भी क्रेडिट रिपोर्ट को डिफाल्टर की श्रेणी में नही रखती। रिपोर्ट का उपयोग करने वाली बैंक, बीमा कम्पनी, शेयर दलाल आदि जब किसी क्रेडिट इंफोर्मेशन रिपोर्ट के आधार पर सम्बन्धित व्यक्ति के लिए प्रतिकूल निर्णय लेती है तो कहा जाता है कि क्रेडिट इंफोर्मेशन रिपोर्ट डिफाल्टर है। .
प्रश्न: क्या कोई व्यक्ति स्वयं की क्रेडिट इंफोर्मेशन रिपोर्ट प्राप्त कर सकता है?
उत्तर: कोई भी व्यक्ति जिसने किसी बैंक आदि में किसी ऋण के लिए आवेदन किया है उस बैंक को स्वयं पर तैयार की गई क्रेडिट इंफोर्मेशन कम्पनी से प्राप्त क्रेडिट रिपोर्ट की कॉपी देने को कह सकता है। बैंक क्रेडिट रिपोर्ट देने के लिए कुछ शुल्क ले सकती है।
प्रश्न: यदि किसी व्यक्ति की क्रेडिट इंफोर्मेशन रिपोर्ट में गलत सूचना पाई जाती है तो उसे ठीक कैसे करवाया जा सकता है?
उत्तर: कोई भी व्यक्ति जिसकी क्रेडिट रिपोर्ट में कोई सूचना गलत / अपूर्ण होती है वह व्यक्ति सीधे क्रेडिट इंफोर्मेशन रिपोर्ट तैयार करने वाली कम्पनी अथवा जिस बैंक या कम्पनी से सम्बन्धित सूचना में ऐसी कमी पाई जाती है उसे क्रेडिट रिपोर्ट ठीक करने के लिए कह सकता है।
प्रश्न: क्रेडिट इंफोर्मेशन रिपोर्ट उपलब्ध करवाने के लिए कितना शुल्क लिया जा सकता है?
उत्तर: क्रेडिट इंफोर्मेशन रिपोर्ट उपलब्ध करवाने के लिए पचास से सौ रूपये तक का शुल्क लिया जा सकता है।
प्रश्न: क्रेडिट इंफोर्मेशन रिपोर्ट तैयार करने वाली कम्पनी पर नियंत्रण कौन रखता है?
उत्तर: भारतीय रिजर्व बैंक क्रेडिट रिपोर्ट तैयार करने वाली कम्पनियों पर नियंत्रण रखता है।
प्रश्न: किसी व्यक्ति को क्रेडिट इंफोर्मेशन रिपोर्ट के क्या लाभ है?
उत्तर: क्रेडिट इंफोर्मेशन रिपोर्ट के आधार पर बैंक व अन्य कम्पनियाँ व्यक्ति की साख का अनुमान लगा कर उसे ऋण या अन्य सुविधा देने अथवा न देने के लिए कम समय में बिना ज्यादा जाँच पड़ताल के निर्णय ले पाती है। साथ ही अच्छे क्रेडिट स्कोरिंग वाले व्यक्तियों को आसान शर्तो पर विभिन्न सुविधाएं प्राप्त हो जाती है।
प्रश्न: क्रेडिट इंफोर्मेशन रिपोर्ट में सुधार लाने के लिए क्या करना चाहिए?
उत्तर: बैंक, बीमा कम्पनी, टेलीफोन कम्पनी, शेयर ब्रोकर आदि को देय राशि तय समय पर बिना त्रुटि के चुकाते रहकर व्यक्ति अपनी क्रेडिट रिपोर्ट सुधार सकता है।

2 comments:

  1. very good.
    it can help fresh enterprises. ,

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  2. Not all enterprises but just selected big players like insurance co, banks, telephone and mobile co, share brokers. Small enterprises who want to search the expected clients in his local area, cannot get credit report of others at any cost.

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