Saturday, April 24, 2010

बैंकिंग लोकपाल ( Banking Ombudsman ) आपका सच्चा हमदर्दी

प्रश्न: ऑम्बुड्समैन किसे कहते हैं?
उत्तर: किसी सरकारी या गैर सरकारी संगठन तथा उस संगठन से व्यवहार करने वाले बाहरी व्यक्तियों के मध्य उत्पन्न विवादों को निपटाने के लिए चुने हुए विश्वस्त मध्यस्थ को ऑम्बुड्समैन कहते हैं। सामान्यत: ऑम्बुड्समैन के पद पर ऐसे व्यक्ति को ही नियुक्त किया जाता है जो संगठन से जुड़ा हो।
प्रश्न: बैंकिंग ऑम्बुड्समैन का क्या कार्य होता है?
उत्तर: वर्तमान में बैंकों के द्वारा अपने ग्राहकों को अनेक प्रकार की सेवाएं प्रदान की जाती है। ग्राहक यदि इन सेवाओं में कमी पाता है और इन कमियों को सम्बन्धित बैंक के स्तर पर दूर नही किया जाता है तो ग्राहक अपनी शिकायत बैंकिंग लोकपाल अर्थात् बैंकिंग ऑम्बुड्समैन के पास दर्ज करवा सकता है। इस प्रकार बैंकिंग ऑम्बुड्समैन बैंक स्तर पर सुनवाई न होने वाली ग्राहक की शिकायतों की सुनवाई का कार्य करता है।
प्रश्न: बैंकिंग ऑम्बुड्समैन के पद पर किस व्यक्ति को तथा किसके द्वारा नियुक्त किया जाता है?
उत्तर: बैंकिंग ऑम्बुड्समैन के पद पर चीफ जनरल मैनेजर या जनरल मैनेजर के स्तर के व्यक्ति की नियुक्ति रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया द्वारा की जाती है।
प्रश्न: देश में कुल कितने बैंकिंग ऑम्बुड्समैन हैं तथा उनके पते कहाँ से प्राप्त किए जा सकते हैं?
उत्तर: देश में लगभग 15 बैंकिंग ऑम्बुड्समैन नियुक्त किए गए हैं तथा किसी बैंक की शाखा विशेष के विरुद्ध शिकायत किस बैंकिंग ऑम्बुड्समैन के पास की जा सकेगी उसका पता उस शाखा परिसर में आम लोगों की सूचना के लिए चिपकाया जाना आवश्यक है। यदि शाखा परिसर में कहीं भी ऐसी सूचना नही मिलती है तो इसे शाखा प्रबन्धक से प्राप्त किया जा सकता है।
प्रश्न: किस विषय के सम्बन्ध में बैंकिंग ऑम्बुड्समैन के पास शिकायत दर्ज की जा सकती है?
उत्तर: निम्न में से किसी भी तरह की बैंकिंग सेवा की कमी के सम्बन्ध में बैंकिंग ऑम्बुड्समैन के समक्ष शिकायत दर्ज की जा सकती है –
1. किसी चैक, ड्राफ़्ट या बिल के बैंक द्वारा न भुनाने या भुनाने में असामान्य विलम्ब के लिए। 2. किसी व्यक्ति द्वारा बड़ी मात्रा में छोटी राशि के नोट जमा करने से इंकार करने या इसके लिए अलग से शुल्क वसूलने पर। 3. सिक्कों को स्वीकार करने से इंकार करने पर या इसके लिए अलग से शुल्क वसूलने पर। 4. ड्राफ्ट, पे ओर्डर या बैंकर्स चैक जारी करने से इंकार करने पर या इसमें असामान्य विलम्ब होने पर। 5. कार्य दिवसों के कार्य घण्टों में काम करने से इंकार करने पर। 6. लिखित रूप से कोई बैंकिंग सेवा प्रदान करने का वचन देकर मुकरने पर। 7. बिना किसी उचित कारण के डिपोजिट खाता खोलने से इंकार करने पर। 8. ग्राहक को बिना सूचित किए कुछ अतिरिक्त या नये शुल्क वसूलने पर। 9. रिजर्व बैंक द्वारा ए टी एम / डेबिट कार्ड / क्रेडिट कार्ड पर जारी दिशा निर्देशों का पालन न करने पर। 10. पेंशन की राशि सम्बन्धित व्यक्तियों को चुकाने में देरी करने पर। 11. खाता बिना पूर्व सूचना दिए जबरदस्ती बन्द करने पर। 12. ऋण के आवेदन को बिना उचित कारण बताए अस्वीकार करने पर। 13. रिजर्व बैंक द्वारा समय समय पर जारी दिशा निर्देशों का पालन न करने पर। 14. ई बैंकिंग या क्रेडिट कार्ड से सम्बन्धित सेवाओं में दोष पाए जाने पर... आदि ।
प्रश्न: बैंकिंग ऑम्बुड्समैन के समक्ष शिकायत किस स्थिति में दर्ज की जा सकती है?
उत्तर: निम्न में से किसी भी स्थिति में बैंकिंग ऑम्बुड्समैन के समक्ष शिकायत दर्ज की जा सकती है – 1. सम्बन्धित बैंक को अपनी शिकायत से अवगत कराने के उपरांत यदि एक माह तक बैंक की तरफ से कोई जबाब नही आता है। 2. यदि बैंक द्वारा शिकायत अस्वीकार कर दी जाती है। 3. शिकायत कर्त्ता बैंक के जबाब से असंतुष्ट रहता है।
प्रश्न: बैंकिंग ऑम्बुड्समैन के पास शिकायत दर्ज कराने की समय सीमा क्या है?
उत्तर: यदि बैंक द्वारा शिकायत का जबाब दिया गया हो तो जबाब प्राप्त होने के एक वर्ष के भीतर। 2. यदि जबाब नही मिला है तो बैंक को शिकायत दर्ज कराने के एक वर्ष एक माह की अवधि के भीतर बैंकिंग ऑम्बुड्समैन के पास शिकायत दर्ज करा देनी चाहिए।
प्रश्न: बैंकिंग ऑम्बुड्समैन के पास किस प्रकार शिकायत दर्ज की जा सकती है?
उत्तर: शिकायतकर्त्ता अपनी शिकायत सादे कागज पर लिखकर अथवा ई मेल के माध्यम से दर्ज करवा सकता है। शिकायत का किसी विशेष प्रारूप में होना आवश्यक नही है।
प्रश्न: शिकायत किस व्यक्ति द्वारा दर्ज की जा सकती है?
उत्तर: शिकायतकर्त्ता स्वयं या अपने किसी प्राधिकृत व्यक्ति के माध्यम से शिकायत दर्ज करवा सकता है।
प्रश्न: शिकायत कौनसे बैंकिंग ऑम्बुड्समैन के पास दर्ज की जानी चाहिए?
उत्तर: देश की बैंक शाखाएं अलग अलग बैंकिंग ऑम्बुड्समैन के क्षेत्राधिकार में आती है। जिस बैंक शाखा के विरुद्ध शिकायत हो उस पर क्षेत्राधिकार रखने वाले बैंकिंग ऑम्बुड्समैन के पास शिकायत दर्ज की जानी चाहिए।
प्रश्न: बैंकिंग ऑम्बुड्समैन के समक्ष दर्ज की जाने वाली शिकायत में क्या क्या सूचनाएं दी जानी चाहिए?
उत्तर: शिकायत में ये सूचनाएं दी जानी आवश्यक है – 1. शिकायत कर्त्ता का नाम व पता 2. बैंक शाखा या ऑफिस का नाम व पता जिसके विरुद्ध शिकायत दर्ज की गई है 3. शिकायत उत्पन्न करने वाले तथ्य 4. शिकायत कर्ता को हुई हानि व असुविधा की प्रकृति व मात्रा 5. चाही गई राहत 6. शिकायत के समर्थन में दस्तावेज 7. बैंक द्बारा शिकायत का कोई जबाब प्राप्त ना हुआ हो तो उसका विवरण।
प्रश्न: बैंकिंग ऑम्बुड्समैन के पास शिकायत दर्ज कराने के लिए क्या कोई शुल्क भी चुकाना होता है?
उत्तर: नही, बैंकिंग ऑम्बुड्समैन द्वारा शिकायत की सुनवाई के लिए कोई शुल्क नही लिया जाता है।
प्रश्न: बैंकिंग ऑम्बुड्समैन शिकायत का निस्तारण किस प्रकार करता है?
उत्तर: 1. शिकायत की एक प्रति सम्बन्धित बैंक को प्रेषित की जाती है। 2. ऑम्बुड्समैन बैंक व शिकायत कर्त्ता के लिए मध्यस्थ के रूप में कार्य कर शिकायत को समझौते द्वारा निपटाने का प्रयास करता है। 3. समझौता न हो पाने की स्थिति में दोनों पक्षों की सुनवाई कर शिकायत पर आदेश पारित कर दिया जाता है।
प्रश्न: क्या बैंकिंग ऑम्बुड्समैन का आदेश अंतिम होता है और उसके विरुद्ध कोई भी अपील नही की जा सकती ?
उत्तर: नही, शिकायत कर्त्ता व बैंक में से कोई भी पक्ष यदि बैंकिंग ऑम्बुड्समैन के निर्णय से संतुष्ट नही हो तो वह रिजर्व बैंक के किसी गवर्नर के समक्ष अपील दायर कर सकता है। ऑम्बुड्समैन के आदेशों की प्रति प्राप्त होने के 30 दिन के भीतर अपील करनी आवश्यक होती है।
प्रश्न: बैंकिंग ऑम्बुड्समैन द्वारा किस प्रकार की राहत प्रदान की जाती है?
उत्तर: बैंकिंग ऑम्बुड्समैन अपने आदेश द्वारा शिकायत कर्त्ता को हुए वास्तविक नुकसान की भरपाई करने के लिए बैंक को निर्देश दे सकता है तथा क्रेडिट कार्ड से सम्बन्धित शिकायत होने पर शिकायत कर्ता को एक लाख रूपये तक की क्षतिपूर्ति समय तथा मानसिक हर्जे की एवज में प्रदान की जा सकती है।

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